22) इंटरनेट की दुनिया में हमारा पहला कदम ( यादों के झरोके से )
शीर्षक = इंटरनेट की दुनिया में हमारा पहला कदम
एक बार फिर आपके साथ जुड़ने को तैयार हूँ, अपनी एक पुरानी याद के सहारे जैसा की शीर्षक है, आप सब समझ ही गए होंगे क्यूंकि आज कल इंटरनेट का जमाना है , इंटरनेट की इस दुनिया में अगर इंटरनेट चलाना नही आया तो आप को कोई इस गोले का नही समझेगा जहाँ बच्चें खिलोनो से पहले मोबाइल हाथ में ले रहे है
लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग है जिनके लिए इंटरनेट काला अक्षर भैंस बराबर है , मैं कही दूर ही क्यू जाऊ मेरी अम्मी को ही ले लो, इतनी बार बताने पर अब जाकर उन्हे थोड़ा बहुत समझ आया है वो भी सिर्फ व्हाट्सप्प के बारे में और थोड़ा बहुत यूट्यूब के बारे में क्यूंकि उसमे बोलने का ऑप्शन होता है इसलिए उन्हे जो चाहिए होता है वो बोलकर देख लेती है , लेकिन सच कहु तो हम वो आख़री पीड़ी है जिनकी माये और पिता दोनों ही इंटरनेट की दुनिया से दूर है, उनका ना तो कोई सोशल मीडिया पर अकाउंट होगा और ना ही वो मोबाइल के गुलाम है
चलिए मोबाइल तो अब घर, कपड़ा और रोटी के साथ एक चौथी ज़रूरात बन गया है , जिसके पास नही होता है लोग उससे हैरानी पूर्वक पूछते है " इस ज़माने में तुम्हारे पास मोबाइल नही है, जहाँ आजकल फ़कीर भी व्हाट्सप्प ग्रुप पर अपनी अपनी लोकेशन शेयर करते नज़र आ जाते है "
हमारी लेखनी परिवार की ही एक सदस्य और लेखिका जिनकी कहानियाँ मैं अक्सर समय निकाल कर पढता ही हूँ, जो की बहुत प्यारा लिखती भी है और साथ ही साथ अन्य लेखकों का हौसला भी बढाती है उनकी रचनाएँ पढ़ प्यारी सी समीक्षा देकर उन्होंने भी इस प्रतियोगिता में अपने इंटरनेट की दुनिया में आने का वर्णन किया था
जिसे पढ़ने के बाद हमें भी कुछ याद आया क्यूंकि हम सब जो भी कुछ नया सीखते है तो उसके लिए पहला कदम तो उठाना ही पड़ता है कोई भी तो यहाँ माँ के गर्भ से कुछ भी सीख कर पैदा नही हुआ है
तो इसलिए हम भी आज यादों के इस झरोखे से झाँक कर अपने उस पुराने वक़्त में झाँक कर देखते है और उस लम्हें का आनंद लेते है जब हम इंटरनेट यानी की अंतरजाल की दुनिया में आये और अब लेखनी पर अपने हुनर को तराशने की निरंतर कोशिश कर रहे है
तो बात है उस साल की जब हमने बारहवीं के बाद कॉलेज में दाखिला लिया, कॉलेज दूर होने की वजह से अब हमें मोबाइल रखने की इज़ाज़त मिली, उस समय तक कीपैड वाला मोबाइल ही था, शायद नया नया एंड्राइड मोबाइल आया था मार्किट में
शायद इसलिए हमारे बड़े भाई साहब ने हमारे घर के लिए एंड्राइड मोबाइल को भेजा ताकि नेट का रिचार्ज कराकर वो हम से बात कर सके वीडियो कालिंग पर जिसके बाद जो कीपेड मोबाइल घर पर पहले था वो हमें मिल गया
हमें गाने सुनने का और गुनगुनाने का बहुत शोक था और है भी जिसके चलते घर पर हमारी बहुत डांट पडती थी पर क्या करे बावरा मन किसी की सुने तब ना इसलिए हम उस मोबाइल का इस्तेमाल बात करने के बजाये गाने सुनने में करते थे
अब बात आती है नेट की, हमारे बड़े भाई ने मोबाइल तो भेज दिया था, अब बारी थी उसमे नेट चलाने की और व्हाट्सप्प डाउनलोड करने की जो की उस समय तो चाँद पर जाने जैसा लग रहा था
हम कॉलेज में आने के बावज़ूद भी उस इंटरनेट बला से दूर थे , हमारी बडी और छोटी बहन वो भी इन सब से दूर ही थी उनके लिए भी अंतरजाल की दुनिया काला अक्षर भैंस बराबर ही थी पढ़ी लिखी होने के बावज़ूद भी
आखिर कार मेरा एक दोस्त जो बहुत पहले से मोबाइल में घुसा रहता था और उसी से हमने इस इंटरनेट के बारे में सुना था वो अक्सर यूट्यूब वगेरा चलाया करता था रिचार्ज कराकर
इसलिए हमने उसे अपने घर बुलाया और उससे इंटरनेट चलाने के बारे में सीखा , हमें लगा कुछ लिखने पढ़ने की ज़रूरत होगी पर ऊ ससुरा तो अलादीन के चिराग जैसा निकला बस थोड़ा समझना था उसके बाद अच्छी बुरी दोनों दुनिया आपकी मुट्ठी में थी
हमने नेट का रिचार्ज कराया उस समय 99 रूपये में एक G B डाटा मिलता था 28 दिन के लिए उस दिन नही जानते थे की ये डाटा एक दिन इस खाने वाले आटे से भी ज्यादा जरूरी हो जाएगा
हम सब घर वाले जिसमे मैं, मेरी दो बहने शामिल थी हमने सबसे पहले यूट्यूब खोला और उस पर कुछ गाने सर्च किये जो की आ गए उसके बाद कुछ पुराने सीरियल जिसमे शक्तिमान, अलिफ़ लैला और भी ना जाने कितने सीरियल हमने सर्च किये जो की आ रहे थे
उन्हे देख हम बेहद खुश हुए लेकिन देख नही सके G B ख़त्म हो जाती, उस दिन सिर्फ मैं ही नही मेरे साथ साथ हमारी दोनों बहने भी इंटरनेट की दुनिया से वाकिफ हुई थी हमारी अम्मी के लिए तो अभी भी इंटरनेट की दुनिया को समझ पाना मुश्किल ही है
ऐसे ही यादगार लम्हें को फिर से आपके समक्ष लेकर हाजिर हूँगा जब तक के लिए अलविदा
Gunjan Kamal
17-Dec-2022 09:07 PM
शानदार
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Sachin dev
14-Dec-2022 04:00 PM
बहुत खूब
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Sachin dev
14-Dec-2022 04:00 PM
बहुत खूब
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